Thursday, October 27, 2011

मेरी बात पे यकीन नही


आसमान में उडती हूँ मैं
पावँ तले अब जमीन नही
फिर भी बोले सजना मुझको
मेरी बात पे यकीन नही

रोग लगा इक ऐसा मुझको
उसके सिवा कोइ हकीम नही
फिर भी बोले सजना मुझको
मेरी बात पे यकीन नही

जीवन भर का साथ है मेरा
मैं इन्सुरांस की स्कीम नही
फिर भी बोले सजना मुझको
मेरी बात पे यकीन नही

दिल चुराया था उसी का
जुर्म कोइ संगीन नही
फिर भी बोले सजना मुझको
मेरी बात पे यकीन नही

सुर्ख हवायें , भीगा मौसम
बिन उसके कुछ रंगीन नही
फिर भी बोले सजना मुझको
मेरी बात पे यकीन नही

चाहत से ज्यादा यकीन है तुमपे
खुद पे भी अब यकीन नही
फिर कियुं बोले सजना मुझको
मेरी बात पे यकीन नही...???

रिया

2 comments:

  1. जीवन भर का साथ है मेरा
    मैं इन्सुरांस की स्कीम नही

    hahahaha, bahut khoob, nirmohi ko isse jyada example or kya de, ab b agr aapki baton pr use viswas nhi h to., raam bhla kre... ek chhoti c peeda ko khoob shbd diye h aapne. bdhai swikare

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