यकीन तो था हमे कि --
खामोशी भी कुछ कहती है...
पर इन दिनो मैने
खामोशी को
कहते हुये सुना है ....
उसकी दीवानगी को
समझा है,
उसका अपनापन
महशूस किया है |
जिंदगी के उतार चढाव
और हालात के
थपेडो से नीढाल
कुछ वक़्त
अपने लिये निकाल,
दूर सूनी वादीयो में
खालीपन का बोझ ढोये
जब तुम आओगे--
वहां बाहे फैलाये
खामोशी को एक
नये रूप में पाओगे |
खामोश खडे पर्वत
हिम की
ठंडी चादर ओढे,
कह रहे थे मुझसे--
आओ जरा
आराम कर लो
मेरे सीने में सर रख कर
सारे गम भूल कर
मुझे बाहो में भर लो ....
घने उंचे लंबे
चीड और देवदार
यू तो खामोश खडे थे
पर
अपनी छाया का
गालीचा बीछाये ,
पुकार रहे थे मुझको ..
हवा की ठंडी
थपकियो से
सहला रहे थे मुझको..
दूर से चूपचाप बहती
वो नदी की
शीतल धारा
आतुर हो कर
मुझे बुलाती,
थकान दूर करने
को मेरी....
वो बार बार
कदमो को छू कर जाती ...
मैं भी दुनिया भूल
अब उनकी हो चुकी थी
इतना प्यार
अपनापन पा कर
हर गम यहां पर
खो चुकी थी
अब ना कोई गम रहा
ना दिल पे कोई बोझ
मन हलका हो गया
मिल गया संतोष |
वक़्त आ गया अब
जुदाई का
उन हसीन वादियो से
विदायी का
वो अब भी वैसे ही
खामोश हैं,
पर
अब मैं उन्हें
सून सकती हुं ...
वो जुड गये हैं मुझसे !!!!!
रिया
bahut accha riya G
ReplyDeleteaise hi likhti rahe...
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यकीन तो था हमे कि --
ReplyDeleteखामोशी भी कुछ कहती है...
पर इन दिनो मैने
"खामोशी को
कहते हुये सुना है ....
...उसकी दीवानगी को
समझा है,
उसका अपनापन
महशूस किया है |"
रिया ,वाकई यह रचना लाजवाब है. खामोशी ऐसी अवस्था है जो स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार कराती है.प्रकृति का हर कण संवाद का संचार करता है और अपना प्रभाव भी छोड़ता है.बहुत सुन्दर कविता.
pk sharma ji..maan badhane ke liye sukriya.....par abhi hum khud hi margdarshak dhund rahe...thod bahut likh leti hun.......kavita sarahne ke liye dhanyawaad
ReplyDeleteRajiv ji..............Aapka bahut bahut dhanyawaad...................
सच में यह ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती है ..जिन भावनाओं को हम शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त नहीं कर सकते उन्हें ख़ामोशी सहज में ही अभिव्यक्त करती है ....अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आना ....!
ReplyDeleteकृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
ReplyDeleteवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .
thaks kewal raam.......aapke shyog ke liye...:)
ReplyDeleteवाह बेहतरीन !!!!
ReplyDeleteभावों को सटीक प्रभावशाली अभिव्यक्ति दे पाने की आपकी दक्षता मंत्रमुग्ध कर लेती है...