आओ प्रियवर
आओ प्रियवर , तुझे मैं
एक ऐसे जहां ले चलूँ .......
जहाँ हवा में सुकून हो
फूलों में खुशबू,
दिलों में धड़कन,
और फिजा में जुनून हो
कहोगे जो तुम तो ,मैं
ख़ुशी का कारवां ले चलूँ.......
आओ प्रियवर , तुझे मैं
एक ऐसे जहां ले चलूँ .......
जहाँ शीतल जल धारा हो
हर आलम दिलकश प्यारा हो
पल- पल , क्षण -क्षण
बस मेरा और तुम्हारा हो
तुम ही कहो ना , मैं
कहाँ ले चलूँ ............... ?
आओ प्रियवर , तुझे मैं
एक ऐसे जहां ले चलूँ .......
जहाँ वादियों का रूप संवारता हो
जीवन नित नव राग भरता हो
दिल यादों की पींगे भरता
निश्छल प्रेम अर्पण करता हो
कहो तो मैं तुझे
वहां ले चलूँ...... ?
आओ प्रियवर , तुझे मैं
एक ऐसे जहां ले चलूँ .......
जहां प्रेम,स्नेह प्रणय का पहर हो
स्वपन सुसज्जित घर हो
ना आंधी , ना तूफां
ना जमाने का डर हो
चलो मैं तुझे ,
उसकी पनाह ले चलूँ.....
आओ प्रियवर , तुझे मैं
एक ऐसे जहां ले चलूँ .......
जहां रक्त रंगित सुमन होगा
प्रेम आलिंगन मधुबन होगा
त्याग कर देहों का बंधन
मोह माया का स्पंदन ...
चलो मेरे संग प्रियवर
मैं आत्मा ले चलूँ .....
आओ प्रियवर , तुझे मैं
एक ऐसे जहां ले चलूँ .......
रिया
बहुत प्यारा....प्यार से भरा हुआ गीत
ReplyDeleteप्रियवर के साथ जीवन का हर रंग जोड़ दिया आपने ....भावों की सशक्त अभिव्यक्ति ...!
ReplyDeleteधन्यवाद !
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